परिचय (Introduction)
जयपुर, जिसे "पिंक सिटी" के नाम से
जाना जाता है, राजस्थान की राजधानी और पर्यटकों का पसंदीदा शहर है।
अपने भव्य महलों, किलों और रंगीन बाजारों के लिए मशहूर जयपुर की असली
खूबसूरती उसकी अनदेखी जगहों में छुपी है। ये वो स्थान हैं जहां पर्यटकों की भीड़
नहीं पहुंचती, लेकिन शांति, इतिहास और स्थानीय संस्कृति का अनोखा
संगम मिलता है। अगर आप 2026 में जयपुर की सैर का प्लान बना रहे हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको जयपुर की
10 छुपी हुई जगहें बताएंगे, जो आपको शहर का असली रंग दिखाएंगी।
1. गढ़ गणेश
मंदिर (Galta Gate के पास)
गढ़ गणेश मंदिर, अरावली पहाड़ी पर स्थित, 18वीं शताब्दी का प्राचीन मंदिर है, जिसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने
बनवाया था। यहां भगवान गणेश की दुर्लभ, सूंड-रहित बाल-रूप मूर्ति स्थापित है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए 365 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जो साल के दिनों का प्रतीक हैं। ऊपर
से जयपुर का 360-डिग्री नजारा सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जादुई लगता है। यह जगह
शांत और आध्यात्मिक है, जहां पर्यटक कम आते हैं। गणेश चतुर्थी पर यहां मेला लगता
है।
• कैसे पहुंचें: गलता गेट से 3 किमी, ब्रह्मपुरी। जयपुर रेलवे स्टेशन से 7
किमी, टैक्सी/ऑटो से 20-30 मिनट।
• समय: Morning 6 बजे से Evening8 बजे तक।
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: पानी और आरामदायक जूते साथ
रखें। फोटोग्राफी के लिए मंदिर के नियम चेक करें।
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2. कानोता डैम
(Kukas Road से 15 किमी)
कानोता डैम, धुंध नदी पर बना 1984 का बांध, जयपुर से 15-20 किमी दूर है। यह लोकल
लोगों का पिकनिक स्पॉट है, जो मानसून में झरने जैसा नजारा देता है। अरावली
पहाड़ियों और हरियाली से घिरा यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और पक्षी-प्रेमियों के
लिए आदर्श है। यहां शांति और सुकून का अनुभव होता है, क्योंकि पर्यटक कम आते हैं।
• कैसे पहुंचें: कुकस रोड, जयपुर-आगरा हाईवे। शहर से 30-45 मिनट
(कार/बाइक)।
• समय: 24 घंटे खुला, सुबह-शाम बेहतर।
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: मानसून में सावधानी बरतें।
पिकनिक सामान और स्नैक्स साथ लें।
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3. नाहरगढ़
बायोलॉजिकल पार्क के अंदर “Sunset Point”
नाहरगढ़
बायोलॉजिकल पार्क, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर, वन्यजीवों और जैव-विविधता का खजाना
है। इसके अंदर छुपा सनसेट पॉइंट एक हिडन जेम है, जहां से जयपुर की स्काईलाइन का मनोरम
दृश्य दिखता है। सूरज ढलते समय शहर सुनहरा नजर आता है। पार्क में बाघ, तेंदुए और 285+ पक्षी प्रजातियां हैं, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए खास
बनाती हैं।
• कैसे पहुंचें: जयपुर से 20 किमी, दिल्ली हाईवे। 30-40 मिनट
(टैक्सी/बस)।
• समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक।
• एंट्री फी: ₹50 (भारतीय), ₹200 (विदेशी)।
• टिप्स: सनसेट टाइम पर जाएं। कैमरा साथ
रखें, लेकिन वन्यजीवों को डिस्टर्ब न करें।
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4. सिसोदिया
रानी गार्डन
सिसोदिया रानी गार्डन 1728 में महाराजा सवाई जय
सिंह ने अपनी रानी सिसोदिया के लिए यह गार्डन बनवाया। मुगल और राजस्थानी शैली का
मिश्रण, फव्वारे, राधा-कृष्ण की पेंटिंग्स और हरियाली इसे खास बनाती है।
पर्यटकों में कम मशहूर होने से यहां शांति रहती है। फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए
बेस्ट।
• कैसे पहुंचें: आगरा रोड,
जयपुर से 10 किमी। 20 मिनट (टैक्सी)।
• समय: सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक।
• एंट्री फी: ₹20 (भारतीय), ₹200 (विदेशी)।
• टिप्स: शाम को फव्वारे देखें। फूलों के मौसम में जाएं।
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5. Back side of Ajmer Killa “Anokhi
Museum of Hand Printing”
अनोखी म्यूजियम, आमेर किले के पास एक
पुरानी हवेली में, जयपुर की हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग कला को दर्शाता है। 1970 में स्थापित, यह यूनेस्को अवॉर्ड
विनर है। यहां 100+ गारमेंट्स, ब्लॉक्स और लोकल कलाकारों से सीखने का मौका मिलता है। क्राफ्ट
लवर्स के लिए यह जगह जादुई है।
• कैसे पहुंचें: आमेर किला,
खेरी गेट। 1 किमी, पैदल/ऑटो।
• समय: सुबह 10:30 से शाम 5 बजे (सोमवार बंद)।
• एंट्री फी: ₹30 (वयस्क), ₹15 (बच्चे), ₹20 (स्टूडेंट्स)।
• टिप्स: डेमो सेशन देखें। कैमरा फी अलग से।
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6. चुलगिरी जैन मंदिर (Ghat
Ki Guni)
चुलगिरी जैन मंदिर, अरावली पहाड़ी पर 16वीं शताब्दी का शांत
तीर्थ स्थल है। 1000 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचने पर अरावली का खूबसूरत नजारा और भगवान
महावीर की मूर्ति का दर्शन मिलता है। पर्यटक कम आते हैं, इसलिए यह शांति और
ध्यान के लिए आदर्श है।
• कैसे पहुंचें: घाट की गुनी टनल,
जयपुर से 9 किमी। 20 मिनट (कार), फिर ट्रेक।
• समय: सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक।
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: सीढ़ियां धीरे चढ़ें। सूर्यास्त का नजारा देखें।
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7. पन्ना मीना का कुंड (Amber
Fort के पास)
16वीं शताब्दी की यह बावड़ी आमेर किले के पास है। इसका
क्रिस-क्रॉस सीढ़ी डिजाइन और वास्तुकला अनोखी है। पानी संरक्षण का प्राचीन उदाहरण, यह अब इंस्टाग्राम
स्पॉट है। भीड़ कम होने से फोटोग्राफी के लिए बेस्ट।
• कैसे पहुंचें: आमेर किला,
1 किमी। पैदल।
• समय: Morning 7 बजे से शाम 6 बजे तक।
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: सुबह जाएं,
जब सूरज की रोशनी बावड़ी को रोशन करती
है।
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8. जौहरी बाजार की गलियाँ (Hidden
Local Life)
जौहरी बाजार की गलियां पुराने जयपुर का
असली रंग दिखाती हैं। यहां पुराने घर,
हस्तशिल्प दुकानें, चांदी के गहने और
जयपुरी रजाई मिलती हैं। मुख्य बाजार की भीड़ से दूर,
इन गलियों में लोकल लाइफ का अनुभव होता
है।
• कैसे पहुंचें: हवा महल के पास,
पैदल।
• समय: सुबह 10 बजे से Evening 8 बजे तक।
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: बार्गेनिंग करें। लोकल स्ट्रीट फूड (कचौरी, समोसा) ट्राई करें।
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9. आमागढ़ किला
आमागढ़ किला, 16वीं शताब्दी का, जयपुर के शुरुआती
राजाओं का ठिकाना था। अब यह ट्रेकिंग रूट और फोटोग्राफी के लिए जाना जाता है।
पुरानी दीवारें और अरावली के नजारे इसे खास बनाते हैं।
• कैसे पहुंचें: जयपुर से 10 किमी, ट्रेक। कार से 20 मिनट।
• समय: From Morning 6 AM to Evening 6 PM
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: ट्रेकिंग शूज पहनें। पानी और कैमरा साथ रखें।
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10. चारण मंदिर ट्रेक (Nahargarh
के पास)
चारण मंदिर, नाहरगढ़ के पास, 16वीं शताब्दी का कृष्ण
मंदिर है। जंगल से गुजरने वाला ट्रेक और ऊपर से शहर का पैनोरमिक व्यू इसे एडवेंचर
प्रेमियों के लिए हिडन पैराडाइज बनाता है।
• कैसे पहुंचें: नाहरगढ़,
जयपुर से 10 किमी। ट्रेक।
• समय: Shubah 6 बजे से Saam 6 बजे तक।
• एंट्री फी: मुफ्त।
• टिप्स: मानसून में जाएं। गाइड साथ लें।
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Bonus Tips:
• नेविगेशन: Google
Maps या लोकल गाइड का सहारा लें, क्योंकि कुछ जगहें
ऑफ-रोड हैं।
• समय: सुबह या सूर्यास्त के समय जाएं – भीड़ कम, फोटोज शानदार।
• सामान: पानी, सनस्क्रीन, कैमरा, आरामदायक जूते साथ रखें।
• पर्यावरण: कचरा न फेंकें,
वन्यजीवों को डिस्टर्ब न करें।
• लोकल फूड: कचौरी,
दाल बाटी,
और गट्टे की सब्जी जरूर ट्राई करें।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. जयपुर की इन छुपी जगहों पर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है, जब मौसम सुहावना रहता
है। मानसून (जुलाई-अगस्त) में कानोता डैम और चारण मंदिर जैसे स्थान ज्यादा खूबसूरत
लगते हैं।
2. क्या ये जगहें परिवार के लिए सुरक्षित हैं?
हां,
सभी जगहें परिवार के लिए सुरक्षित हैं।
बस ट्रेकिंग वाली जगहों (आमागढ़, चारण मंदिर) पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए सावधानी बरतें।
3. इन जगहों पर खाने-पीने की सुविधा है?
कानोता डैम और आमागढ़ जैसे रिमोट स्थान
पर दुकानें नहीं हैं, इसलिए खाना-पानी साथ लें। जौहरी बाजार और सिसोदिया गार्डन के
पास लोकल स्टॉल्स मिल जाएंगे।
4. क्या इन जगहों पर फोटोग्राफी की अनुमति है?
ज्यादातर जगहों पर फोटोग्राफी की अनुमति
है, लेकिन गढ़ गणेश मंदिर और अनोखी म्यूजियम में नियम चेक करें।
पन्ना मीना का कुंड और सनसेट पॉइंट फोटोग्राफी के लिए बेस्ट हैं।
5. इन जगहों तक पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्ट कैसे लें?
जयपुर में टैक्सी, ऑटो, और ओला/उबर आसानी से
मिलते हैं। रिमोट जगहों के लिए कार किराए पर लें या लोकल गाइड की मदद लें।
6. क्या इन जगहों पर गाइड उपलब्ध हैं?
आमेर किले, अनोखी म्यूजियम, और सिसोदिया गार्डन
में गाइड मिल सकते हैं। ट्रेकिंग के लिए (आमागढ़,
चारण मंदिर) लोकल गाइड लेना बेहतर है।
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निष्कर्ष (Conclusion)
जयपुर सिर्फ हवा महल, आमेर किला या
जंतर-मंतर तक सीमित नहीं है। इसकी गलियों,
पहाड़ियों और पुरानी हवेलियों में वो
कहानियां छुपी हैं जो इसे “पिंक सिटी” बनाती हैं। ये 10 छुपी हुई जगहें आपको जयपुर की आत्मा से जोड़ेंगी। 2025 में इन ऑफबीट
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